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बात उन् दिनों की है जब मैं 15 साल की थी और 11वीं की छात्रा थी...रोज़ साईकिल से ही स्कूल आना जाना हुआ करता था....परीक्षा नज़दीक होने के कारण एक दिन मैं मेरी सहेलियां एक्स्ट्रा क्लास लेकर वापस आ रहे थे....स्कूल से घर की दूरी लगभग 5 किलोमीटर थी...रास्ते में मेरी साईकिल पंचर होने की वजह से मुझे वही रुकना पड़ा...जबकि मेरी सहेलियां आगे निकल चुकी थी...वहां पास में ही बड़े बाल और दाढ़ी में एक आदमी खड़ा सिगरेट पी रहा था...खुद को असुरक्षित समझते हुए मैंने तुरंत ही वहां से निकलना मुनासिब समझा....थोड़ी देर में मुझे अहसास हो गया की वो आदमी मेरे पीछे-पीछे आ रहा है...मैं घबरा गयी और तेज़ गति के साथ आगे बढ़ने लगी...तभी मुझे कुछ दूरी पैर एक चौकीदार दिखाई पड़ा...आनन् फानन में मैं उस चौकीदार के पास पहुच गयी...पीछे मुड कर देखा तो वो आदमी जा चूका था...मैंने चौकीदार से पूरी बात कही, मेरी बात सुनकर वह घूरते हुए उल्टा मुझपर ही फब्तियां कसने लगा...मैं डर गयी, दूर दूर तक मुझे कोई नहीं दिख रहा था और अँधेरा भी होता जा रहा था...इसी बीच वो बदमाश सा दिखने वाला आदमी भी वहां आ पंहुचा...दोनों को एक साथ देखकर तो मानो मेरी जान ही निकल गयी...उस आदमी ने मेरा हाल पूछते हुए मुझे घर छोड़ने की बात कही...मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू...मैं उसके साथ चल पड़ी, अँधेरी रात में उस बदमाश जैसे दिखने वाले आदमी के साथ मैंने घर तक का सफ़र तय किया....पूरे रास्ते उसने मुझसे कोई बात नहीं की...जैसे ही मैं घर के अन्दर पहुची उस आदमी ने मेरा नाम पुकारा...और मेरा आई कार्ड हाथ में थमाते हुए चुप चाप वहां से चला गया...उस समय मुझे महसूस हुआ I Wish i had Smart suraksha with me (काश मेरे पास स्मार्ट सुरक्षा एप होता) तो ऐसे समय पर मुझे कितनी मदद मिल जाती...
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