शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

आज फिर जीने का दिल कर रहा है...


आज फिर मुस्कुराने का दिल कर रहा है
आज फिर बहक जाने को मन कर रहा है
खोए थे जिस अंधेरे में हम
आज फिर उसे रोशन करने का दिल कर रहा है
सूख चुकी थी जो कलियाँ मन की 
फिर से उन्हें बारिश में भिगोने को दिल मचल रहा है
रुक हुई ज़िन्दगी को
आज फिर उसे हवा में बहा ले जाने का दिल कर रहा है
दूर थी जो खुशियाँ खुद से
आज फिर उन्हें पाने का दिल कर रहा है
फिर से जीने का दिल कर रहा है
आज फिर मुस्कुराने का दिल कर रहा है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें