सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

ब्लॉग से धूल साफ़ कर रही हूँ...

 आज ना जाने  कैसे अपने पुराने ब्लॉग की याद आ गई। किसी अलमारी में रखी धूल भरी फाइलों की तरह मेरा ब्लॉग भी सालों से धुल ही तो खा रहा था। बड़े शौक से इसे तैयार किया था। डार्क थीम चुन के पसंद की थी। कुछ 3-4  पोस्ट भी लिखी, पर कुछ ही समय में कब इसका नाम तक भूल गई याद नहीं। लेकिन आज फिर से मेरे ब्लॉग पर लगी हुई धूल को साफ़ करने का मन किया तो बस शुरू कर दी सफाई।

जानती हूँ, मेरे इस नेक ख्याल से सबसे ज्यादा ख़ुशी किसे होने वाली है। मेरे उन् सभी शुभ चिंतकों को जो मुझे  फेसबुक पर चोरी की हुई शायरियां और तस्वीरे अपलोड करने के  बजाये ब्लॉग लिखने की नसीहतें दिया करते  है। खैर देर आये दुरुस्त आये, अब देखना ये है की कब तक इसे साफ़ रख पाते है।

मन में बहुत सी शकाएँ जन्म ले रही है। मैं कोई बहुत बड़ी ब्लोगेर तो हूँ नहीं जिसके हजारों followers हों। आखिर मेरा ब्लॉग कोई पढ़ेगा  भी क्यों, ऐसा क्या लिख पाऊँगी मैं जिससे लोग मुझे भी फॉलो करे.  सामाजिक  मुद्दों पैर मेरी राय कहा तक सही साबित हो पायेगी। वगेरह वगेरह

फिर भी बिना कुछ सोचे अपनी शंकाओं को बाजु में रखकर मैंने भी ब्लॉग की दुनिया में कूद पड़ने का हौसला कर लिया है। आशा करती हूँ छोटी सी ही सही पर अपने विचारों का मंथन करने की सफलता मेरे हाथ भी ज़रूर लगेगी।


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