शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

आज फिर जीने का दिल कर रहा है...


आज फिर मुस्कुराने का दिल कर रहा है
आज फिर बहक जाने को मन कर रहा है
खोए थे जिस अंधेरे में हम
आज फिर उसे रोशन करने का दिल कर रहा है
सूख चुकी थी जो कलियाँ मन की 
फिर से उन्हें बारिश में भिगोने को दिल मचल रहा है
रुक हुई ज़िन्दगी को
आज फिर उसे हवा में बहा ले जाने का दिल कर रहा है
दूर थी जो खुशियाँ खुद से
आज फिर उन्हें पाने का दिल कर रहा है
फिर से जीने का दिल कर रहा है
आज फिर मुस्कुराने का दिल कर रहा है...

शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

शाम...

ज़िन्दगी में रिश्तों को उलझते हुए देखा है मैंने
हर मोड़ पर बिना बात के झगड़ते हुए देखा है मैंने
एक लम्हें में जिया है सदियों का सफ़र
चंचल मन को हर पल उदास होते देखा है मैंने
प्रेम की एक पाती में प्यार को सिमटते हुए
आँखों से छलकते आसुंओं में
रिश्तों को डूबते हुए देखा है मैंने

उम्र बीत जाती है सच्चे प्यार के इंतज़ार में
किसी को किसी के प्यार में टूट कर बिखरते हुए देखा है मैंने
यूँ तो हर जाम यादों के पिया करते थे
प्यार को कई बार सिसकते हुए देखा है मैंने
एक वो शाम थी जब आंसुओं से दोस्ती हुआ करती थी
एक ये शाम है जब आंसुओं से भी नाता टूटते देखा है मैंने…